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बुधवार, 29 सितंबर 2010

डिग्री से ज्यादा नौकरी को अहमियत

किसी समय बेहतर नौकरी पाने के लिए डिग्री का होना बहुत जरूरी माना जाता था, लेकिन इन दिनों यह चलन बदल रहा है। अब डिग्री रहित या स्कूल छोड़ चुके छात्रों को भी नौकरी के प्रस्ताव मिल रहे हैं। स्कूल छोड़ चुके छात्रों का भी रूझान यूनिवर्सिटी में शिक्षा लेने की बजाय किसी कंपनी में नौकरी या अप्रेंटिसशिप (प्रशिक्षण) की ओर बढ़ा है। इस संबंध में "प्राइस वॉटर हाउस कूपर्स" नामक कंपनी के आंकड़े जाहिर करते हैं कि उनकी ओर से स्कूल-लीवर्स के लिए एंट्री-स्कीम के तहत मिले आवेदनों में भारी उछाल आया है और पिछले दो सालों में यह संख्या बढ़कर 800 तक पहुंच गई है। दूसरी ओर "सिटी फंड मैनेजर्स" ने इस वर्ष से स्कूल लीवर्स को नौकरी देने की शुरूआत कर दी है।

गौरतलब है कि "नेटवर्क रेल" की ओर से 200 से ज्यादा अप्रेंटिसशिप प्लेसेस में प्रशिक्षण के लिए 4 हजार छात्रों की ओर से एप्लिकेशंस भेजी गई हैं। वोकेशनल कोर्सेस से संबंधित कार्य करने वाली कंपनी "सिटी एंड गिल्ड्स" के अनुसार इस वर्ष पिछले साल की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक छात्रों में यह रूझान पाया गया है। इन आंकड़ों का यह अर्थ नहीं है कि छात्रों में स्कूल के बाद डिग्री लेने की जरूरत में गिरावट आ गई है, लेकिन स्कूली शिक्षा के बाद सीधे ही नौकरी करने का चलन बढ़ रहा है। नेटवर्क रेल की प्रवक्ता का कहना है कि पहले महज वे ही छात्र ऎसा करते थे, जो यूनिवर्सिटी में दाखिला पाने में समर्थ नहीं थे, लेकिन अब सक्षम छात्र भी यूनिवर्सिटी की डिग्री के बजाय नौकरी के व्यावहारिक अनुभव को प्राथमिकता दे रहे हैं। "मार्क्स एंड स्पेन्सर" कंपनी के प्रवक्ता के अनुसार उन्हें 30 जगहों के लिए 3 हजार छात्रों की एप्लिकेशंस मिली हैं।

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