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बुधवार, 29 सितंबर 2010

स्मार्ट फोन के शिष्टाचार, कैसे करें मोबाइल का उपयोग

अब जबकि लगभग हर हाथ में एक मोबाइल फोन जरूर होता है, इसके उपयोग के शिष्टाचार को लेकर भी किताबें और लेख लिखे जा रहे हैं. यहाँ तक कि शिष्टाचार सिखाने वाले इंस्टीट्यूट भी अब मोबाइल शिष्टाचार को अपने पाठ्यक्रम में शामिल कर रहे हैं. स्मार्ट फोन आपकी अपनी ऐसी दुनिया होती है जो आपको लगातार अपने मित्रों और बाकी दुनिया से जोड़े रखती है. परंतु हमें यह नही भूलना चाहिए दुनिया सिर्फ उस छोटे से डिवाइज़ तक ही सीमित नहीं है. एमिली पोस्ट इंस्टीट्यूट की एना पोस्ट के अनुसार - यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपने मोबाइल फोन को किस तरह से लेते हैं. उसमें स्विच ऑफ का बटन है और वाइब्रेशन का भी, परंतु उसका उपयोग कब और कैसे करना है यह महत्वपूर्ण है. वैसे तो मोबाइल फोन के शिष्टाचार अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग हो सकते हैं, परंतु कुछ आम शिष्टाचार इस प्रकार से हैं.
सार्वजनिक स्थानों, अस्पतालों में मोबाइल वाईब्रेशन पर रखें:
सार्वजनिक स्थानों तथा अस्पताल जैसी जगह पर अपने मोबाइल फोन को साइलेंट या वाईब्रेशन मोड पर ही रखें. सोचिए आप अस्पताल के आईसीयू वार्ड में बैठे हों और आपके मोबाइल पर रिंगटोन के लिए चुनी गई कोई गाने की धुन बजे तो बाकी के लोगों को कैसा लगेगा.
आवाज़ धीमी रखें:
कुछ लोगों को आदत होती है कि वे एसटीडी कॉल को प्राप्त करते ही जोर जोर से बोलने लगते हैं, हालाँकि उसकी आवश्यकता नहीं है. लोकल कॉल के दरम्यान भी अपनी आवाज को धीमी ही रखें. विशेष रूप से यदि आप सार्वजनिक स्थानों पर हों तो अपनी आवाज उतनी ही रखें जितनी मात्र आपके कानों तक जाए. यदि आपको लगे की सामने वाले व्यक्ति को आवाज सुनाई नहीं दे रही तो फोन के आसपास अपने हाथों से घेरा बना लें.
किसी से बात करते समय मोबाइल का इस्तेमाल ना करें:
जब आप किसी अन्य व्यक्ति के साथ बातचीत या चर्चा कर रहें हों तो अपने मोबाइल का इस्तेमाल टाल दें. फोन को स्विच ऑफ कर दें या फिर साइलेंट. यदि कोई बहुत ही महत्वपूर्ण कॉल आ जाए तो कॉल उठाने के लिए थोड़ी दूर चले जाएँ और इसके लिए सामने बैठे व्यक्ति से क्षमा मांगे. कॉल को जल्द से जल्द खत्म कर वापस आएँ. कम महत्वपूर्ण कॉल को अनदेखा कर सकते हैं या फिर पहले से तैयार एसएमएस टेम्पलेट का उपयोग कर ऐसे कॉल करने वाले लोगों को संदेश भेज सकते है कि आप व्यस्त हैं, बाद में कॉल करेंगे
धार्मिक स्थानों पर मोबाइल बंद कर दें:
धार्मिक स्थानॉं जैसे कि मंदिर में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो आपकी मनपसंद रिंगटोन को सुनने में रूचि रखता होगा. इसलिए बेहतर होगा आप मोबाइल फोन को साइलेंट रखें. वाईब्रेशन मोड से भी किसी को परेशानी हो सकती है.
अन्य लोगों के बीच अपनी रिंगटोन ना बजाएँ:
यदि आप अपने मित्रों के इतर कुछ नए लोगों से मिल रहे हैं तो अपने मोबाइल की रिंगटोन को बदल कर कोई सामान्य धुन रख लें. यकीन मानिए लोगों किसी दूसरे के मोबाइल पर बजी गानों पर आधारित रिंगटोन सुनना अच्छा नहीं लगता.
विद्यालयों में मोबाइल फोन बंद रखें:
यदि आप विद्यार्थी हैं तो अपने स्कूल-कॉलेज में क्लास के सत्र के दौरान मोबाइल स्विच ऑफ कर दें. अधिकतर स्कूलों और कॉलेजों में पहले से यह नियम लागू है, यदि आपके कॉलेज में यह नियम ना भी लागू हो तो भी आप इसे अमल में ला सकते हैं. मोबाइल स्विच ऑफ होगा तो आपके मन में कोई गेम खेलने का विचार भी नहीं आएगा और आप पढाई में ध्यान लगा पाएंगे.

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