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शनिवार, 11 जून 2011

अभिभूत हैं अमिताभ

लव का द एण्ड : ताजगी तो है लेकिन सुगंध नहीं


कलाकार : श्रद्धा कपूर, ताहा शाह, शहनाज ट्रेजरीवाला, अर्चना पूरणसिंह
निर्माता : आशीष पाटिल
निर्देशक : बंपी

इस सप्ताह आई निर्देशक बंपी की लव का द एण्ड एक ऎसी फिल्म है जिसमें ताजगी का अहसास तो होता है लेकिन उस ताजगी में सुगन्ध का अभाव साफ महसूस किया जा सकता है।> एमटीवी पर बतौर निर्माता निर्देशक काम कर चुके नौजवान निर्देशक बंपी ने अपनी फिल्म के लिए जो प्लाट चुना है वह भी एमटीवी के कार्यक्रमों जैसा ही है। जहां सब कुछ बहुत जल्दी में हो जाता है और> यही जल्दी कई जगह पर अखरने लग जाती है। बम्पी ने अपनी फिल्म का प्लॉट आज के जनरेशन के हिसाब से रखा है। ट्रीटमेंट भी उन्होंने इसका फेसबुक जनरेशन के हिसाब से किया है। लेकिन इन सबके के बावजूद यह फिल्म अपनी कमजोर कथा और पटकथा के कारण दर्शकों को उबाउ लगने लग जाती है। बॉलीवुड में आदित्य चोप़डा को मार्केटिंग का उस्ताद माना जाता है। कहा जाता है कि जिस गति से युवाओं की सोच बदल रही है, उसी गति से आदित्य की नजर बदलते सामाजिक परिवेश को पक़ड लेती है। इसी के मद्देनजर उन्होंने अपने स्थापित बैनर यशराज फिल्म्स के अन्तर्गत एक नया बैनर वाई बैनर बनाया है जिसमें वे युवाओं को केन्द्र में रखकर फिल्मों का निर्माण करेंगे। इस बैनर तले युवाओं की फिल्म, युवाओं द्वारा युवाओं के लिए की विचारधारा का समामेल होगा अर्थात् यह बैनर केवल युवाओं के हाथ में होगा। एक अनुमान के> मुताबिक भारतीय सिने दर्शकों में 16 से 30 वर्ष के दर्शकों का अनुपात अन्य देशों के मुकाबले कहीं ज्यादा है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए वाई बैनर के तले आई पहली फिल्म लव का द एण्ड देखकर यह अनुमान सहजता से लगा कि यह सिर्फ और सिर्फ युवाओं के लिए है।

भारतीय सिनेमा में कॉलेज स्टूडेंट्स की जो छवि परदे पर पेश की जाती है ऎसा एक भी कॉलेज हमें वास्तविकता में कहीं नहीं दिखता है। वर्तमान में जरूर अब कुछ कॉलेज परदे पर दिखाए जाने वाले कॉलेज की छवि को अपने यहां पर प्रदर्शित करने का प्रयास कर रहे हैं। इस फिल्म के नौजवान निर्देशक बम्पी ने कथानक का तानाबाना कॉलेज की मौज मस्ती का रखा लेकिन जल्द ही वे इस कथानक से उतर कर नायिका द्वारा नायक को सबक सिखाने की लाइन पर आ जाते हैं। इस में वे ऎसे उलझे कि उन्हें कहानी को खत्म करने का कोई रास्ता ही दिखाई नहीं दिया। इसलिए जब फिल्म खत्म होती है तो एक सवाल मन में उभरता है क्या यही है आजकल की पढ़ाई का माहौल। यह सही है कि कॉलेज में मौज मस्ती होती है लेकिन आजकल के कठिन प्रतियोगी नजर में शायद ही युवा इस प्रकार की हरकतें कॉलेज में करते होंगे। फिल्म की कहानी रिया (श्रद्धा कपूर) के इर्द गिर्द घूमती है। रिया कॉलेज में पढ़ने वाली एक सामान्य ल़डकी है। वह कॉलेज के एक ल़डके लव नन्दा (ताहा शाह) को प्यार करती है। लव नन्दा के ऊपर कॉलेज की कुछ अन्य ल़डकियां भी मरती हैं। अपने करो़डपति बाप के पैसे पर वह आए दिन पार्टियों का आयोजन करता है और ल़डकियों को अपनी ओर आकर्षित करने में उस पैसे का दिल खोलकर इस्तेमाल करता है। उसकी नजर में ल़डकी सिर्फ सैक्स का मजा लेने का एक माध्यम है। बार-बार के इस आग्रह पर रिया लव के साथ हम बिस्तर होने को तैयार हो जाती है लेकिन उससे पहले ही उसे लव की असलियत का पता चल जाता है।

इस बात को जानने के बाद वह अपनी सहेलियों के साथ मिलकर लव को उसकी करतूतों की सजा देती है। हॉलीवुड की फिल्म जॉन टूकर मस्ट डाई पर आधारित लव का द एण्ड कथानक के लिहाज से बेहद उबाऊपन लिए हुए हैं। निर्देशक बंपी ने कथानक तो वहां से चुरा लिया लेकिन वह उसके साथ उस तरह का ट्रीटमेंट नहीं कर पाए हैं। उन्होंने कथानक में जो बदलाव भारतीयता के नाते किए हैं वे पूरी तरह से निराश करते हैं। निर्देशक बम्पी ने पूरी फिल्म को श्रद्धा कपूर के कंधों पर छो़डा है। बॉलीवुड के खलनायक रहे शक्ति कपूर की बेटी श्रद्धा कपूर ने यहां अपनी पहली फिल्म तीन पत्ती से ज्यादा प्रभावित किया है। चूंकि निर्देशक ने पूरे समय कैमरा उन्हीं पर फोकस किया है जिसका उन्होंने लाभ उठाने का प्रयास किया है। लेकिन वे इस अवसर को पूरी तरह से भुनाने में सफल नहीं हो पाई हैं। ताहा शाह द्वारा निभाए गए लव नन्दा के किरदार पर लेखक व निर्देशक बम्पी ने ज्यादा मेहनत नहीं की है। वे चाहते तो इस किरदार पर मेहनत करके उसे और मजबूती के साथ पेश कर सकते थे। इसके बावजूद वे प्रभावित करते हैं। इन दोनों कलाकारों पर बाजी मारी है श्रद्धा कपूर की सहेली बनी मोटी सहेली पश्ती एस. ने। सोनी चैनल पर हर वक्त पूरा मुंह खोल कर जोर-जोर हंसने वाली अर्चना पूरण सिंह ने यहां भी यही किया है।

उन्होंने सिवाय चिल्लाने और आंखें फ़ाडकर देखने को ही अभिनय मान लिया है। इस बैनर द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि यह फिल्म 16 से 25 वर्ष के युवाओं को बेहद पसन्द आएगी लेकिन फिल्म देखने के बाद हमें उनका यह दावा खोखला लगा। हां कुछ प्रतिशत जरूर ऎसे युवा फिल्म देखते हुए मिले जिन्हें इस फिल्म ने बहुत प्रभावित किया है। लेकिन यह प्रतिशत इतना कम है जिसके सहारे सफलता पाना बेहद मुश्किल है। फिल्म का तकनीकी पक्ष सामान्य है। अर्थात् फिल्म की फोटोग्राफी, गीत-संगीत व सम्पादन औसत दर्जे का है।

फिल्म का संगीत राम सम्पत का जिन्होंने इससे पहले खाकी का संगीत दिया था। एक अरसे बाद उन्होंने इस फिल्म के जरिए वापसी की है। उनके द्वारा संगीत बद्ध तीन गीत टू नाइट, फन फंडा और मटन सांग परदे पर देखते वक्त तो आकर्षक लगते हैं लेकिन गीत के बोल और धुनें ऎसी नहीं हैं जो लम्बे समय तक याद रखी जा सकें। आदित्य चोप़डा द्वारा स्थापित यह बैनर सिर्फ उन लोगों को सन्तुष्ट कर सकता है जो पैसे के बल पर फिल्म बना सकते हैं लेकिन निर्माण सामग्री नहीं जुटा सकते। ऎसे लोगों के लिए यह बैनर अच्छा प्लेटफार्म साबित होगा। हो सकता है अपवाद के तौर पर कभी इस बैनर से कोई अच्छी फिल्म निकल आए। फिलहाल तो उनका यह पहला प्रयास स्तरहीन है।


हांटेड : कहानी में पिछ़डे, तकनीक से डराने में कामयाब

फिल्म समीक्षा
कलाकार : महाअक्षय, टिया बाजपाई, अंचित कौर, आरिफ जकारिया, संजय शर्मा
निर्देशक : विक्रम भट्ट

राज की अप्रत्याशित सफलता ने विक्रम भट्ट को जो स्थान दिलाया था वह उसे निरन्तर जारी नहीं रख पाए। लेकिन 2009 में आई उनकी 1920 की सफलता ने यह साबित किया कि वर्तमान में हॉरर फिल्मों को उनसे अच्छा और कोई निर्देशक नहीं बना सकता। लेकिन इस शुक्रवार प्रदर्शित हुई हांटेड को देखने के बाद यह साफ हो गया कि इस प्रकार की फिल्मों में तकनीक के साथ-साथ सशक्त कथा पटकथा का होना भी बेहद जरूरी है।
यह सही है कि हांटेड भारत की पहली ऎसी हॉरर फिल्म है जो 3डी में बनाई गई। हालांकि 3डी में कुछ ही प्रिंट जारी किए गए हैं। डरावनी फिल्मों की परम्परा के अनुसार हांटेड की कहानी भी एक बंद हवेली से शुरू होती है। जिसके बारे में कहा जाता है कि इस पर आत्माओं का साया है। फिल्म के नायक के साथ इस भुतहवा बंगले की कहानी आगे बढ़ती है और धीरे-धीरे राज खुलते जाते हैं। हॉरर फिल्म की सबसे ब़डी जरूरत भयानक दृश्य भी इस बीच चलते रहते हैं। डरावनी फिल्मों के लिए जरूरी है कि वह अन्त तक दर्शकों को बांध कर रख सके लेकिन हांटेड इस स्तर की फिल्म नहीं है। यहां मध्यान्तर से पहले जरूर कुछ ऎसे दृश्य हैं जिनसे क्षण भर को सिरहन पैदा होती है लेकिन मध्यान्तर के बाद यह एक सामान्य फिल्म रह जाती है। 3डी प्रिंट से बच्चों को जरूर मजा आएगा।


कहानी के स्तर पर विक्रम भट्ट जहां मात खा गए हैं वहीं तकनीक के स्तर पर उन्होंने जरूर कुछ कामयाबी पाई है। बॉलीवुड के बंगाल टाइगर मिथुन चक्रवर्ती ने अपने बेटे मिमोह को चार साल पहले जिम्मी के जरिए परदे पर पेश किया था। जिम्मी कब आई और गई पता नहीं चला लेकिन विक्रम भट्ट की हांटेड से उनके पुत्र मिमोह ने नाम बदल कर महाअक्षय के रूप में फिर से बॉलीवुड में कदम रखा है। नाम बदलने से ही बॉलीवुड में किस्मत चमकती तो हर व्यक्ति आज बॉलीवुड में होता।

महाअक्षय की संवाद अदायगी बेहद खराब है इसके साथ ही उनके चेहरे पर किसी प्रकार का भाव नहीं आता है। जिस तरह की फिल्म है उसके अनुसार उनके चेहरे पर खौफ का साया दिखाई देना चाहिए था लेकिन ऎसा कुछ नहीं है। नृत्य में जरूर वे प्रतिभाशाली लगे। उनकी इस खासियत की वजह से विक्रम ने एक आइटम सांग उन्हीं पर फिल्माया है, जो देखकर लगता है कि यह जबरदस्ती डाला गया है। छोटे पर्दे से आई टि्वंकल बाजपेयी ने उम्मीद जगाई है। डर को दिखाने में फिल्म के बैक ग्राउण्ड म्यूजिक का बहुत ब़डा हाथ होता है जिसका यहां अभाव नजर आता है। फिल्म का छायांकन स्तरीय है लेकिन सम्पादन ढीला है। मध्यान्तर के बाद फिल्म में कसावट का अभाव साफ नजर आता है। परीक्षाओं के तनाव से मुक्त हो चुके युवा वर्ग को तकनीक के सहारे यह फिल्म जरूर प्रभावित कर सकती है लेकिन कमजोर कथानक के कारण जल्द ही बोरियत हो जाती है।


सोनाक्षी सिन्हा को भाए रणवीर सिंह

मुम्बई। गत वर्ष की सफलतम फिल्म रही दबंग के जरिए बॉलीवुड में प्रवेश करने वाली नायिका सोनाक्षी सिन्हा को बॉलीवुड के नए सितारे रणवीर सिंह कुछ ज्यादा ही भाने लगे हैं। इन दोनों सितारों ने वर्ष 2010 में एक साथ बॉलीवुड में प्रवेश किया है।
दबंग की नायिका के रूप में सोनाक्षी ने हर प्रकार के फिल्म पुरस्कार में दखलंदाजी की वहीं यशराज फिल्म्स की बैंड बाजा बारात के जरिए बॉलीवुड में धमाकेदार प्रवेश करने वाले रणवीर ने भी पुरस्कार समारोहों में अपने नाम का डंका बजवाया। रणबीर में सोनाक्षी सिन्हा की रूचि का एक विशेष कारण नजर आता है। अपनी पहली फिल्म में उन्होंने 45 वर्षीय सलमान खान के साथ और करियर की दूसरी फिल्म जोकर में 46 वर्षीय अक्षय कुमार के साथ काम किया है जो उनकी उम्र से दोगुने हैं।
इन सितारों के साथ बॉलीवुड में प्रवेश तो अच्छा हो गया लेकिन करियर को चलाना है तो अपनी हमउम्र नायकों को पक़डना प़डेगा। इन नायकों का तो करियर अब अपनी ढलान पर है। हम उम्र नायकों के लिए उनकी नजर में रणवीर से बढि़या और कोई नहीं है। वे रणवीर के अभिनय से भी खासी प्रभावित हैं। इसलिए उनकी इच्छा है कि वे अपनी अगली में रणवीर की नायिका बनें। देखना यह है कि पितातुल्य नायकों के साथ कमर मटका चुकी सोनाक्षी की यह हसरत कौन सा निर्माता पूरी करता है।


जानवरों को बचाने के लिए कविता हो गई न्यूड

मुंबई। टेलिविजन अदाकारा कविता राधेश्याम ने जानवरों को बचाने के लिए न्यूड सीन दिए। उन्होंने यह न्यूड सीन एक अभियान के तहत दिए है। कविता ने कहा कि मैंने न्यूड सीन इसलिए दिए है क्योंकि भारत में कुछ जगहों पर जानवरों के प्रति हो रहे क्रुर व्यवहार के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए यह कदम उठाया है।
न्यूड सीन में कविता ने अपनी पीठ पर "सेव टाईगर" लिखा है। कविता के अनुसार उसने यह पोज जानवरों के प्रति हो रहे क्रूर व्यवहार से लोगों को अवगत कराने के लिए दी है। उन्होंने बताया कि पांच घंटे में करो़ड और ओम अल्लाह में काम करने वाले कलाकारों ने भी इस मुहिम के लिए न्यूड पोज दिए है। हालांकि कविता विक्रम भट्ट के आने वाले टीवी सीरीज हू डन इट उलझन में काम कर रही है।

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अभिनेत्री ने झूठ बोला, हो गई एक माह की जेल


लास एंजेलिस। अदालत में झूठ बोलना कितना महंगा प़ड सकता है, यह अमेरिका की एक अदालत के एक फैसले से जाहिर है जहां सुनवाई के दौरान मेक्सिको की अभिनेत्री फर्नाüडो रोमेरो का झूठ पक़डागया और उसे एक महीने के कारावास की सजा सुना दी गई।
रोमेरो पर अमेरिका में कानूनी दर्जा प्राप्त करने के लिए फर्जी शादी रचाने का आरोप था। संघीय न्यायाधीश मैनुअल रियल ने रोमरो और उनके पति केंट रॉस को लगातार 15 हफ्ते तक सप्ताहांत जेल में गुजारने का आदेश सुनाया है जो 24 जून से शुरू होगा। इसके अलावा अभिनेत्री को एक हजार घंटे सामुदायिक सेवा करनी है।
रोमेरो के वकील माइकल नसातीर ने जारी बयान में कहा कि रोमेरो अदालत के इस फैसले से बेहद निराश हैं लेकिन वह इसका पालन करेंगी। गलत जानकारी मुहैया कराने का दोषी पाये जाने पर रोमेरो और उनके पति को अधिकतम पांच साल की सजा भुगतनी प़डती।
रोमेरो और उनके पति ने गलत जानकारी देने की बात स्वीकार कर ली। उन दोनों ने 2005 में शादी की थी लेकिन कभी भी एक साथ नहीं रहे। इस शादी के एक महीने बाद ही रोमेरो ने फोटोग्राफर मारकोस क्लिंको से दोस्ती बढ़ा ली। रोमेरो और क्लिंको के अलग होने पर फोटोग्राफर ने अमेरिकी आव्रजन विभाग को रोमेरो के बारे में सारी जानकारी दे दी।

शीघ्र उत्तेजित हो जाते हैं मेष राशि वाले मेष राशि वाले
आपकी कुंडली का सबसे बुनियादी घटक आपकी सूर्य राशि होती है। यह वह राशि है जो आपके जन्म के समय सूर्य द्वारा अपना ली जाती है। सूर्य राशि की मदद से आप अपनी पूरी कुंडली की जांच करके अपने व्यक्तिव का वर्णन कर सकते है। इसकी मदद से आप अपनी यौन आदतों और वरीयताओं के बारे में जान सकते है।
सूर्य के अनुसार बारह राशियों होती है (मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ तथा मीन) आज हम आपको इन 12 राशियों की यौन आदतें उनकी वरीयताएं तथा उनकी अन्य राशियों के साथ अनुकुलता की विस्तृत जानकारी दे रहे है।
मेष (मार्च 21-अप्रैल 20) : यौन-बिस्तर में भी आवेगी प्रवृति के होते है। इन्हें विजय होना पंसद होता है इसलिए यह प्यार और सेक्स दोनों में ही पहल करते है। यह यौन क्रीडाओं से जल्दी उत्तेजित हो जाते है और उतनी ही जल्दी थिथल भी हो जाते है, परन्तु इन्हें जल्दी ही सेक्स के लिए पुन: तैयार किया जा सकता है। इन्हें तीखा और रोमांचक सेक्स पसंद होता है। नये-नये सेक्स प्रयोगों व यौन क्रीडाओं के प्रभाव में यह एक अच्छे हमबिस्तर साबित होते है।
अन्य राशियों के साथ अनुकूलता :
मेष-मेष : मेष राशि का स्वामी मंगल ग्रह है जो कि जुनून व स्वभाव का ग्रह कहलाता है इसलिए समान राशि के होने के कारण इनमें आपस में एक तीव्र यौन आर्कषण होगा। आप दोनों एक दूसरे को सेक्स का पूर्ण आनन्द देने की क्षमता रखते है अर्थात कोई किसी से कम नहीं है, इसलिए एक रोमांचक सेक्स के लिए आप बेहतर साथी साबित होगें। अगर आप अपने आक्रमक व्यवहार पर थोडा नियत्रण कर ले तो संगतता कुंडली के आधार पर आप दोनों एक बेजोड मेल हो सकते है तथा साथ में प्रतिष्ठावान व सुनहरा भविष्य बना सकते है।
मेष-वृषभ : यह दोनों ही पशेनेट राशियां होती है। परतुं यौन संबंधों में इनके विचार विपरीत होते है, मेष राशि वाले को यहां जल्दी-जल्दी और वाइल्ड सेक्स पसंद होता है वही वृषभ राशि वाले धीरे-धीरे व देर तक सेक्स पसंद करते है। यौन संबंधों के दौरान मेष राशि अपनी शारारिक व कार्य क्षमता तथा वृषभ राशि अपनी सहज सेक्स भावनाओं को सम्मलित करते है। दुर्भाग्यवश यह लंबे समय के लिए अच्छा नहीं है, परंतु इन्हे एक साथ बिताया समय हमेशा याद रहता है।
मेष-मिथुन : यह दोनों कम से कम यौन-बिस्तर पर साथ होना बहुत पसंद करते है। यह दोनों सक्रिय राशियां है जो यौन-संबंधी प्रयास करती है। हालाकि संबंध बनाते वक्त मेष राशि वाले अहम भूमिका निभाते है परंतु उनके लिए उपयुक्त माहौल तैयार करने में मिथुन राशि का सहयोग अनिर्वाय होता है। संगतता कुंडली के अनुसार इनके बीच सेक्स बहुत रोमांचक होगा तथा साथ मिलकर एक अच्छे परिवार की रचना करेंगे।
मेष-कर्क : इन दोनों में एक मजबूत सेक्स ड्राइव की विशेषता होती है। जहां मेष राशि वाले, कर्क राशि वालों को प्यार में सेक्स का एक अलग ही अनुभव कराते है वहीं कर्क राशि वाले प्यार में भावनाओं की सुरक्षा दर्शाता है। परंतु इनका संबंध अक्सर केवल सेक्स पर ही टिका होता है इसलिए संगतता कुंडली के अनुसार इन दोनों का रिश्ता असल में एक तूफान की तरह होगा जिसमें शादी को संभालना भंवर में फंसे जहाज का नेतृत्व करने जैसा होगा।
मेष-सिंह : दोनों में ही प्रबल सेक्स ड्राइव की इच्छा होती है, जिसे बेडरूम में और भी अधिक बडावा मिल जाता है। सिंह राशि वालों को अच्छे शब्द व तारीफ उत्तेजित करते है। इनका रोमांस भी काफी रोमांचक होता है। मेष राशि के यौन-संबंधों में नेतृत्व करने के स्वभाव से इनके प्यार और सेक्स में दिक्कते आ सकती है, इसलिए सिंह राशि को इस पर थोडा अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है, संगतता कुंडली के अनुसार यौन संबंध अच्छे बन सकते है तथा रिश्ता काम कर सकता है परंतु इसके लिए इन्हे जल्दी ही अपने रिश्ते को सीमाओं में बांधने की आवश्यकता होती है।
मेष-कन्या : मेष राशि वालों को कन्या राशि का चातुर्य, संयम और आत्मनियत्रंण प्रसन्न करता है तथा कन्या राशि, मेष राशि वालों के साहस से प्रभावित होती है परंतु साथ ही साथ मेष राशि का यौन संबंधों में जल्दबाजी करने का स्वभाव इन्हे हैरान भी कर देता है। इन दोनों में यौन और रोमांटिक संगतता ज्वालामुखी के समान होती है। संगतता कुंडली के अनुसार प्यार और सेक्स के लिए अच्छा संगम है परंतु शादी की सफलता का प्रतिशत आधा ही है।
मेष-तुला : इन दोनों में छोटी अवधि का रोमांस संभव है। नित नये सेक्स प्रयोगों के प्रति मेष राशि का अव्यधिक झुकाव, तुला राशि को आधात कर सकता है, क्योकि उच्च सैक्स ड्राइव होने के बावजूद तुला राशि, मेष राशि की तुलना में थोडी रूढिवादी होती है। संगतता कुंडली के अनुसार विवाह के लिए यह संयोजन उपयुक्त नहीं है।
मेष-वृश्चिक : इस संयोजन के लिए कोई पूर्वानुमान लगाना बहुत मुश्किल कार्य है। यह एक साथ बहुत खुश भी रहते है और अगले ही पल थोडे समय में अलग भी हो जाते है। यह दोनों बहुत अधिक सक्रिय राशियां है। दोनों में यौन-इच्छाएं कूट-कूट कर भरी होती परंतु इनके स्वभाव आपस में टकराते है। अगर यह अपने-अपने अहम को ताक में रखकर समझौता कर ले तो एक लंबे समय तक सुखी जीवन व्यतीत कर सकते है। संगतता कुंडली के अनुसार इनकी सेक्स प्रगाढता इनकी समझ और उससे बने रिश्ते पर निर्भर करती है।
मेष-धनु : निराशावादी, मायूस और खराब मूड जैसे विशेषताओं वाले धनु राशि के लोगों पर काबू पाने में मेष राशि वालों का आशावादी स्वभाव बहुत प्रभावशाली होता है। इन दोनों को यौन-बिस्तर में कुछ विसंगतियों का सामना करना पड सकता है। परंतु यदि एक साथी इन विसंगतियों पर काबू पा ले तो कुंडली के अनुसार दोनों मिलकर एक अच्छा परिवार बना सकते है।
मेष-मकर : जहां मेष राशि वाले स्वभाव से नये-नये सेक्स प्रयोग करने वाले होते है वही मकर राशि वालों को परमपरागत यौन-संबंध पसंद होता है। चूंकि मकर राशि वाले लंबे समय तक यौन क्रियाओं में का आनन्द उठाना चाहते है इसलिए मेष राशि का जल्दबाजी का स्वभाव इन्हे थोडा नाखुश करता है परंतु फिर भी मेष राशि का भावुक स्वभाव मकर राशि वालों को यौन-बिस्तर में अपनी ओर आर्कषित करने में सफल हो सकता है, इसलिए यदि ऎसा हो जाए तो इन दोनों में एक छोटे अवधि के रोमांस और बेहतर शादी की संभावना बढ सकती है।
मेष-कुंभ : इन दोनों में एक बहुत ही शानदार और संतोषजनक सेक्स वालों का यौन-बिस्तर से निष्क्रिय स्वभाव मेष राशि वालों के नेतृत्व की भावना को प्रोत्साहन देता है जिसके कारण ये दोनों मिलकर एक असमान्य और अद्भुत रोमांस की उम्मीद कर सकते है। संगतता कुंडली के अनुसार वैवाहिक जीवन सुखद होने के आसार बनते है।
मेष-मीन : मेष राशि, मीन राशि की सामाजिक चाहत और मदहोश कर देने वाली अदाओं के कायल होते है। मीन राशि वाले मेष राशि वालों को तुंरत उत्तेजित कर देने की क्षमता रखते है। इन दोनों में प्यार और सेक्स इच्छाओं को पूरी तरह दर्शाने की समझ होती है जिससे यह यौन संबंधों में रोमांच अनुभव करते है। संगतता कुंडली के अनुसार यह दोनों लंबे व प्यार भरे रिश्ते को निभा सकते है।












अभिषेक-ऎश्वर्या की शादी की सालगिरह पर अभिभूत हैं अमिताभ


नई दिल्ली। अभिषेक और ऎश्वर्या चार साल पहले 20 अप्रैल के दिन विवाह के बंधन में बंधे थे लेकिन अमिताभ बच्चन को आज भी ऎसा लग रहा है कि जैसे कुछ घंटे पहले ही उनके बेटे की शादी हुई है।
अमिताभ ने अपने ब्लॉग पर लिखा है,बुधवार को अभिषेक और ऎश्वर्या की विवाह की सालगिरह है। मैं कल्पना नहीं कर सकता कि उनके विवाह को चार साल हो गए। उनके विवाह का सारा उत्साह, मेहमानों की चहल-पहल, शादी की तैयारियों की यादें मेरे दिमाग में इतनी ताजा हैं कि लगता है कुछ घंटे पहले ही यह सब कुछ हुआ है।
अभिषेक और ऎश्वर्या अपनी अब तक की हर सालगिरह पर विदेश में छुियां मना रहे होते थे लेकिन इस बार अभिषेक अपनीे आने वाली फिल्म दम मारो दम के प्रचार में व्यस्त हैं। फिल्मोद्योग के दोस्तों ने बॉलीवुड की इस हसीन जो़डी को सालगिरह पर टि्वटर के जरिए शुभकामनाएं दी हैं। दक्षिण के अभिनेता राणा दग्गुबति और अभिनेता विवेक वासवानी ने अभिषेक, ऎश्वर्या> को बधाई दी है।

पुरूषों की उंगलियों में छिपा है महिलाओं को आकर्षित करने का राज और सेक्स अपील - mens fingers and


लंदन। एक शोध में पता चला है कि जिन पुरूषों की अनामिका उंगली उनकी तर्जनी उंगली से बडी होती है उन पुरूषों की तरफ महिलाएं ज्यादा आकर्षक होती हैं। यह शोध जिनेवा विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने किया।
शोध में पुरूषो का महिलाओं के साथ रिश्ते की सफलता और उनके हाथों के बीच गहरा संबंध पाया गया। शोध के अनुसार जिन पुरूषों की दूसरी उंगली से चौथी उंगली जितनी बडी होती है, वे पुरूष उतने ही अधिक आक र्षक होते हैं। शोध में पता चला है कि उंगलियों के बीच अनुपात का सेक्स हार्मोस से संबंध होता है। अनामिका उंगली का तर्जनी उंगली से बडा होना इस बात का संकेत देता है कि उसे गर्भ में अधिक टेस्टोस्टेरोन मिला है।

लंदन। ब्रिटेन की महिलाओं के ब्रेस्ट विश्व की अन्य इलाकों की महिलाओं की तुलना में बडे हैं। ये बात एक अध्ययन में सामने आ चुकी है। लेकिन ब्रिटेन में एक खास इलाका है जहां महिलाओं के ब्रेस्ट का साइज दुनिया की अन्य महिलाओ के मुकाबले सबसे बडे होते हैं। एक सर्वे के अनुसार ब्रिटेन के एसैक्स की रहने वाली महिलाओं के ब्रेस्ट अन्य इलाकों की महिलाओं के मुकाबले ज्यादा बडे होते हैं। इस सर्वेक्षण के मुताबिक देश के 10 इलाकों में जहां सबसे बडे साइज की ब्रा खरीदी जाती है, उनमें से 3 इस काउंटी में आते हैं।

नेहा धूपिया को है डियर फ्रेंड हिटलर से सफलता की उम्मीद


मुम्बई। "फंस गया रे ओबामा" में अभिनय के लिए तारीफ पाने के बाद अब अभिनेत्री नेहा धूपिया को अपनी अगली फिल्म "डीयर फ्रेंड हिटलर" के प्रदर्शन का इंतजार है। यह फिल्म अपने विवादास्पद विषय के चलते सुर्खियों में है।
राकेश रंजना कुमार के निर्देशन में बनी इस फिल्म के मई में क्रिकेट टूर्नामेंट इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के समाप्त होने के बाद प्रदर्शित होने की सम्भावना है। नेहा धूपिया ने हाल ही में दिए एक साक्षात्कार में कहा, ""मैं इस फिल्म को लेकर बहुत उत्साहित थी और इसमें मैंने खुद अपने सामने चुनौती रखी है।"" फिल्म में धूपिया ने ईवा ब्रॉन की भूमिका निभाई है और रघुवीर यादव एडोल्फ हिटलर के किरदार में दिखेंगे। फिल्म के बिना गीतों वाले अंतर्राष्ट्रीय संस्करण जर्मन, फ्रेंच और अंग्रेजी भाषा में प्रदर्शित होंगे।
धूपिया कहती हैं, ""मैं ईवा ब्रॉन की भूमिका में हूं जो हमेशा से रहस्यमयी रही है। यह निश्चित रूप से एक चुनौतीपूर्ण भूमिका है लेकिन मैं कह सकती हूं कि मैं अपनी आंखों से खुद को अभिव्यक्त करूंगी। मैंने इसके लिए क़डी मेहनत की है।"" वहीं दूसरी तरफ इस फिल्म के पटकथा लेखक और अभिनेता के तौर पर अपने करियर की शुरूआत करने जा रहे नलिन देव का कहना है कि यह फिल्म हिटलर समर्थक नहीं है बल्कि इसमें महात्मा गांधी के विचार और अहिंसा के जरिए किसी भी ल़डाई को जीतने में कैसे मदद करती है उस पर आधारित है। इस फिल्म के टाइटल के बारे में पूछे जाने पर उन्होने कहा कि यह टाइटल इसलिए दिया गया है कि फिल्म की कहानी गांधी के द्वारा एडोल्फ हिटलर को लिखे गए पत्र के इर्द गिर्द घूमती है जिसमें उन्होंने पूर्व नाजी शासक को डियर फ्रेंड हिटलर लिखकर सम्बोधित किया है। यह पहली ऎसी भारतीय फिल्म है जो हिन्दी के अलावा अंग्रेजी, जर्मन और फ्रेंच में बनाई गई है। अन्तर्राष्ट्रीय बाजार को देखते हुए इसके बिना गीतों वाले संस्करण को विदेशों में प्रदर्शित किया जाएगा।