ओडीशा की सीमा पर माओवादी हमले में एडिशनल एसपी समेत शहीद हुए जवानों की घटना के बाद समूचे बस्तर में चौकसी बढ़ाई गई है। विभिन्न क्षेत्रों में चल रही सर्चिग के दौरान जवानों को सतर्कता बरतने के निर्देश पुलिस अफसरों ने दिए हैं।
बस्तर एसपी सुंदरराज पी के मुताबिक पूरे इलाके में गश्त तेज किया गया है। उक्त घटना से फोर्स का बड़ा नुकसान हुआ है, लेकिन अभियान में जुटी फोर्स की टुकड़ियों के मनोबल पर असर नहीं है।
इस तरह के हादसों से घर में नहीं बैठा जा सकता। पुलिस अपनी डच्यूटी को बखूबी समझती है। उच्च अधिकारियों के निर्देश और तय रणनीति के मुताबिक नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी रखे जाएंगे। जरूरत पड़ने पर और तेज किया जाएगा।
चलेगा संयुक्त अभियान
सीमावर्ती इलाकों में पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर बड़े ऑपरेशन चलाए जाने की कवायदों पर मंथन हो रहा है। आमतौर पर किसी भी बड़ी-छोटी वारदात को अंजाम देकर माओवादी पड़ोसी राज्यों में अपने सुरक्षित स्थान पर चले जाते हैं। जिसे देखते हुए उच्च स्तर पर अभियान की तैयारी की जाती है।
इसके अलावा बरसात से पहले बस्तर के कुछ स्थानों पर रसद से लेकर अन्य व्यवस्था पुलिस को करना है। अफसरों ने संकेत दिए हैं कि मानसून के दौरान माओवादियों के खिलाफ किसी तरह की ढील नहीं बरती जाएगी।
शोक में बंद रहा अंतागढ़
ओडिशा सीमा से लगे और गरियाबंद पुलिस जिला में हुए नक्सली हमले में शहीद एडिशनल एसपी राजेश पवार को मंगलवार को यहां अंतिम विदाई देने लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। सभी ने नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। लोग यहां रास्तेभर शहीद राजेश पवार अमर रहे के नारे लगाते रहे।
शोक में मंगलवार को अंतागढ़ का बाजार बंद रहा। इससे पहले उनका शव हेलिकॉप्टर से अंतागढ़ लाया गया। मिनी स्टेडियम स्थित हेलिपैड से शव तहसील कार्यालय परिसर में लाया गया, जहां शहीद राजेश पवार को सलामी दी गई।
अंतागढ़ में जन्में, शिक्षा भानुप्रतापपुर में:
एडिशनल एसपी राजेश पवार का जन्म 25 दिसंबर 1972 को अंतागढ़ में हुआ था। उनके पिता अंकालूराम पवार सेवानिवृत्त ग्राम सहायक है। 1994-95 में वे शिक्षाकर्मी बने। कोलर में अध्यापन के दौरान वर्ष 2000 में पीएससी में चयनित हुए।
प्रशिक्षु डीएसपी के पद पर थाना घुमा जिला सिवनी से उनके पुलिस जीवन की शुरूआत हुई। वे छिंदवाड़ा, बालाघाट, छोटे डोंगर, रायगढ़, किरंदुल, दोरनापाल, सुकमा में डीएसपी के पद पर रहे। इस दौरान उल्लेखनीय कार्य के लिए उन्हें अनेक अवार्ड भी मिले।
राज्यपाल के सुरक्षा अधिकारी के रूप में भी वे सेवा दे चुके है। प्रमोशन प्राप्त होने के बाद गरियाबंद पुलिस जिला बनने के बाद यहां एडिशनल एसपी पदस्थ हुए। राजेश पवार का विवाह वर्ष 2005 में कांकेर जिले के तत्कालीन कांकेर कलेक्टर सत्यनारायण ध्रुव की पुत्री मीता ध्रुव से हुआ था। उनकी 2 पुत्री विधी 5 वर्ष व छोटी पुत्री 2 वर्ष की है।
ओडीशा की सीमा पर माओवादी हमले में एडिशनल एसपी समेत शहीद हुए जवानों की घटना के बाद समूचे बस्तर में चौकसी बढ़ाई गई है। विभिन्न क्षेत्रों में चल रही सर्चिग के दौरान जवानों को सतर्कता बरतने के निर्देश पुलिस अफसरों ने दिए हैं।
जवाब देंहटाएंबस्तर एसपी सुंदरराज पी के मुताबिक पूरे इलाके में गश्त तेज किया गया है। उक्त घटना से फोर्स का बड़ा नुकसान हुआ है, लेकिन अभियान में जुटी फोर्स की टुकड़ियों के मनोबल पर असर नहीं है।
इस तरह के हादसों से घर में नहीं बैठा जा सकता। पुलिस अपनी डच्यूटी को बखूबी समझती है। उच्च अधिकारियों के निर्देश और तय रणनीति के मुताबिक नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी रखे जाएंगे। जरूरत पड़ने पर और तेज किया जाएगा।
चलेगा संयुक्त अभियान
सीमावर्ती इलाकों में पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर बड़े ऑपरेशन चलाए जाने की कवायदों पर मंथन हो रहा है। आमतौर पर किसी भी बड़ी-छोटी वारदात को अंजाम देकर माओवादी पड़ोसी राज्यों में अपने सुरक्षित स्थान पर चले जाते हैं। जिसे देखते हुए उच्च स्तर पर अभियान की तैयारी की जाती है।
इसके अलावा बरसात से पहले बस्तर के कुछ स्थानों पर रसद से लेकर अन्य व्यवस्था पुलिस को करना है। अफसरों ने संकेत दिए हैं कि मानसून के दौरान माओवादियों के खिलाफ किसी तरह की ढील नहीं बरती जाएगी।
शोक में बंद रहा अंतागढ़
ओडिशा सीमा से लगे और गरियाबंद पुलिस जिला में हुए नक्सली हमले में शहीद एडिशनल एसपी राजेश पवार को मंगलवार को यहां अंतिम विदाई देने लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। सभी ने नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। लोग यहां रास्तेभर शहीद राजेश पवार अमर रहे के नारे लगाते रहे।
शोक में मंगलवार को अंतागढ़ का बाजार बंद रहा। इससे पहले उनका शव हेलिकॉप्टर से अंतागढ़ लाया गया। मिनी स्टेडियम स्थित हेलिपैड से शव तहसील कार्यालय परिसर में लाया गया, जहां शहीद राजेश पवार को सलामी दी गई।
अंतागढ़ में जन्में, शिक्षा भानुप्रतापपुर में:
एडिशनल एसपी राजेश पवार का जन्म 25 दिसंबर 1972 को अंतागढ़ में हुआ था। उनके पिता अंकालूराम पवार सेवानिवृत्त ग्राम सहायक है। 1994-95 में वे शिक्षाकर्मी बने। कोलर में अध्यापन के दौरान वर्ष 2000 में पीएससी में चयनित हुए।
प्रशिक्षु डीएसपी के पद पर थाना घुमा जिला सिवनी से उनके पुलिस जीवन की शुरूआत हुई। वे छिंदवाड़ा, बालाघाट, छोटे डोंगर, रायगढ़, किरंदुल, दोरनापाल, सुकमा में डीएसपी के पद पर रहे। इस दौरान उल्लेखनीय कार्य के लिए उन्हें अनेक अवार्ड भी मिले।
राज्यपाल के सुरक्षा अधिकारी के रूप में भी वे सेवा दे चुके है। प्रमोशन प्राप्त होने के बाद गरियाबंद पुलिस जिला बनने के बाद यहां एडिशनल एसपी पदस्थ हुए। राजेश पवार का विवाह वर्ष 2005 में कांकेर जिले के तत्कालीन कांकेर कलेक्टर सत्यनारायण ध्रुव की पुत्री मीता ध्रुव से हुआ था। उनकी 2 पुत्री विधी 5 वर्ष व छोटी पुत्री 2 वर्ष की है।
इस तरह बिना पूर्व अनुमति लिए मनमाने ढंग से आधे-अधूरे रूप में मेरा बनाया कार्टून छापने में क्या आपको कुछ भी गलत नहीं लगता!
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